शहरी वक़्फ़ संपत्ति विकास योजना (शहरी वक़्फ़ संपत्तियों के वक़्फ़ विकास के लिए दी जाने वाली पूर्ववती अनुदान सहायता योजना)
वक़्फ़ संस्थाओं के संसाधनों को बढ़ाने के लिए तथा उनके उद्देश्य व लक्ष्यों को बेहतर ढंग से लागू करने के लिए भारत सरकार की अनुदान सहायता से वर्ष 1974-75 में व्यावसायिक तर्ज पर वक़्फ़ संपत्तियों को विकसित करने के लिए परिषद का एक प्रारंभिक कार्यक्रम अर्थात् शहरी वक़्फ़ संपत्तियों के विकास की योजना का शुभारंभ किया गया। राज्य वक़्फ़ बोर्डों ने इस योजना का स्वागत किया क्योंकि इससे वक़्फ़ बोर्ड के राजस्व को बढ़ाने पर बहुत असर पड़ा और इस कारण यह योजना जारी रही। इस योजना के अंतर्गत परिषद वक़्फ़ भूमि पर आर्थिक/वाणिज्यिक रूप से अर्थक्षम इमारतों का निर्माण कार्य करने के लिए संबंधित राज्य वक़्फ़ बोर्डों के माध्यम से ऋण सहायता दी जाती है। इन इमारतों में विवाह भवन, अस्पताल, शीत गृह इत्यादि शामिल हैं। अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय, भारत सरकार इस विशिष्ट प्रयोजन से वार्षिक अनुदान सहायता प्रदान करता रहा है। शहरी वक़्फ़ संपत्ति के वक़्फ़ विकास को अनुदान सहायता देने संबंधी योजना का मूल्यांकन करने के बाद वर्ष 2017 में इसका नामकरण शहरी वक़्फ़ संपत्ति विकास योजना के रूप में किया गया है और वर्ष 2019-20 तक इसे अनुमोदन दिया गया है। तथापि, इस योजना को वर्ष 2025-26 तक बढ़ा दिया गया है।
1 अप्रैल, 2021 से प्रभावी शहरी वक्फ संपदा विकास योजना की संशोधित दिशानिर्देश544.31 KB
शहरी वक्फ संपदा विकास योजना 2017-18 से 2019-20 की गाइडलाइन685.46 KB