पृष्ठभूमि और वक्फ अधिनियम के तहत सांविधिक प्रावधान
केन्द्रीय वक्फ परिषद अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के अधीन, एक सांविधिक निकाय है, जिसकी 1964 में वक्फ अधिनियम 1954 में दिए गए प्रावधान के अनुसार, वक्फ बोर्डों की कार्यप्रणाली और ऑक्फ प्रशासन से संबंधित मामलों में केन्द्र सरकार के सलाहकार निकाय के रूप में स्थापित किया गया था। हालांकि, वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2013 के प्रावधानों के तहत परिषद की भूमिका का काफी विस्तार किया गया था। परिषद को केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और राज्य वक्फ बोर्डों सलाह देने के लिए अधिकार दिया गया है। अब यह अधिनियम 9(4) की धारा के तहत बोर्ड/राज्य सरकारों को बोर्ड को, विशेष रूप से उनके वित्तीय, सर्वेक्षण, राजस्व रिकॉर्ड, वक्फ संपत्तियों के अतिक्रमण, वार्षिक और अंकेक्षण रिपोर्ट आदि के प्रदर्शन पर परिषद को जानकारी प्रस्तुत करने के लिए निर्देश जारी करेगा।
परिषद के अध्यक्ष केंद्रीय मंत्री होते हैं, जिन के पास वक्फ का प्रभार होता है और ऐसे सदस्यों की संख्या 20 से अधिक नहीं हो सकती जो कि भारत सरकार द्वारा नियुक्त किये जा सकते हैं। वर्तमान में श्री किरेन रीजीजू, संसद सदस्य (राज्य सभा) और भारत सरकार में केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री, केन्द्रीय वक्फ परिषद के पदेन अध्यक्ष हैं। वक्फ अधिनियम, 1995 की धारा 9 की उप धारा (1) और (2) में दिए गए प्रावधान के अनुसार 13वीं परिषद 04 फ़रवरी 2022, को गठित किया गया था। अध्यक्ष और सदस्यों के नाम और पते सहित वर्तमान परिषद का गठन और ब्यौरा, बयान नंबर 1 में दिए गए हैं। केन्द्रीय वक्फ परिषद का कार्यालय, केन्द्रीय वक्फ भवन, पुष्प विहार, सेक्टर-6, एम.बी. रोड, नई दिल्ली (साकेत में परिवार न्यायालय के विपरीत) में है।
अवलोकन
वक्फ अधिनियम 1995, वक्फ (संशोधन) संशोधित अधिनियम 2013, के प्रावधान के तहत संरक्षण, पुन्नर्निर्माण और ऑक्फ की ई-निगरानी।
उद्देश्य
ऑक्फ के संरक्षण विकास में सक्रिय भूमिका और उनके कामकाज में सुधार के लिए राज्य वक्फ बोर्डों के साथ मिलकर काम करना।
प्रमुख कार्य